अब तुझे न सोचू तो जिस्म टूटने सा लगता है, एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते करते।
सितम हमारे सारे छाट लिया करो, नाराजगी से अच्छा है डाट लिया करो।
अजीब सिल सिला था वो दोस्ती का, जो कुछ दूर चला और इश्क में बदल गया।
तुझे याद करना भी एक एहसास है, ऐसा लगता है कि तू हर पल मेरे पास है।
इस तरह अपनी आँखों में कैद किया है, कोई और नजर भर देखे तो अच्छा नहीं लगता।
तेरे इश्क में इस तरह नीलाम हो जाऊं, आखरी हो तेरी बोली और मैं तेरे नाम हो जाऊं।
इस तरह अपनी आँखों में कैद किया है, कोई और नजर भर देखे तो अच्छा नहीं लगता।
तुझे ख़्वाबों में पाकर दिल का क़रार खो ही जाता है, मैं जितना रोकूँ ख़ुद को तुझसे प्यार हो ही जाता है।
काश ! दिलो का भी कोई चुनावी मौसम आता, ज़ज्बातों के गड्ढे पाँच साल में ही सही, भर तो जाते।
कभी-कभी किसी से ऐसा रिश्ता भी बन जाता है, की हर चीज से पहले उसी का ख्याल आता है।